पारंपरिक रूप से भारतीय घरों में लोग हमेशा फर्श पर कम उचाई पर बैठने के तख्त रखते थे या फर्श पर ही बैठने का इंतेज़ाम करते थे। इन दिनों सिमटते घरो के कारन फर्नीचर के बजे यही परंपरा फिर से लोकप्रिय बन रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि फर्श की बैठने से अधिक लोगों को कमरे में संयोजित करने की अनुमति मिलती है और क्षेत्र भी बच सकता है। फर्श पर बैठने से भारी, महंगी फर्नीचर के खर्च से बचकर उसे किसी ज़रूरतमंद कार्य के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं और बच्चों के सुरक्षा के लिए भी सोचने की ज़रुरत नहीं होगी। कई बार बच्चे फर्नीचर से गिरकर या उनसे टकराकर अपने को ज़ख़्मी कर लेते हैं लेकिन फर्श पर बैठक रखने से बच्चे के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।
हमें आशा है कि आपको इस विचारपुस्तक के मार्गदर्शिका के माध्यम से आपके घर के लिए कुछ रोचक विचार और ताज़ा प्रेरणा मिलेगी।
एक पारंपरिक भारतीय बैठक में बैठने की व्यवस्था अक्सर एक विशेष मंच पर बना होता है और कभी-कभी कुछ मोठे गद्दे, कुशन और चटाई भी इस्तेमाल होते हैं। इस प्रकार का बैठक घर के आतंरिक और बहार दोनों हिस्सों के लिए उपयुक्त है जो चारो ओर से खुला लेकिन पक्के छत से ढका है।
सालो से चारपाई भारतीय घरो में इस्तेमाल हुए हैं और आजकल आंगन को आरामदायक बनाने का एक शानदार तरीका है। यहां चित्रित सफ़ेद रस्सियों से बने चारपाई में रंगीन चटाई सजाकर मेहमानो और घर के सदस्यों के लिए बैठक बनाया गया है। इस तरह जरूरतों के आधार पर विभिन्न तरीकों से संयोजन करके कई आकार के चारपाई और मूढ़े की सजावट अच्छे असबाब के दूकान से ले सकते हैं।
एक फ्यूटन मूल रूप से मोड़ कर रखा हुआ गद्दा है जिसका उपयोग बैठने या सोने के लिए किया जा सकता है। यह भारी फ्रेम के बिना सोफे और बिस्तर की तरह है, इसलिए यह बहु-कार्यात्मक और अत्यधिक कार्यकुशल है।
यह अद्वितीय, हस्तनिर्मित पाउफ फर्श बैठने के बारे में सबसे अच्छी चीजों में से एक है जो कई अद्वितीय शैलियों और डिज़ाइनों में आता है। ये ऊन के इलावा कपडे और जूट से भी बनता है जिसे बैठने के साथ-साथ पैर रखने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
एक दिवान पारंपरिक भारतीय घर में मिलता है जिसमे पीठ का सहारा या बाहें नहीं होती और जो आमतौर पर दीवार के खिलाफ रखा जाता है। यह आम तौर पर जातीय भारतीय डिजाइनों को प्रदर्शित रंगीन कुशन के साथ सजाया जाता है। हॉलवे या गलियारा दिवान रखने के लिए एक लोकप्रिय जगह है।
ये बैठने का मंच न सोफे है न दिवान है पर पारंपरिक फर्नीचर डिज़ाइन से मिलता है जिसमे पीठ का सहारा या बाहें नहीं होती और जो आमतौर पर दीवार के खिलाफ रखा जाता है। इसे भारतीय डिजाइनों को प्रदर्शित रंगीन कुशन के साथ सजाया जाता है और गलियारा या आंगन में रखने वाला लोकप्रिय बैठने का मंच है। इसमें कम लकड़ी के इस्तेमाल से कलात्मक बैठने का स्थल बना है जो आपके मेहमानो को ज़रूर पसंद आएगा।
यदि आप फर्श पर ध्यान केंत्रित करना चाहते हैं और एक आकर्षक दिखने वाले बैठने की जगह बनाना चाहते हैं, तो आकर्षण बढ़ाने वाले कालीन का उपयोग करने पर विचार करें। संतुलन को बनाये रखने के लिए आप यहाँ तटस्थ रंगीन कुशन जोड़ सकते हैं।
अपने बैठने की व्यवस्था में आराम और आकर्षण जोड़ने के लिए इस तरह के भारतीय डिजाइनों के सिमित बैठने के फर्नीचर में निवेश करें। यहां चित्रित निम्न-सीटर का उपयोग चीजों को भंडारण करने के लिए भी किया जा सकता है, और यदि आप चाहें तो एक मेज के रूप में भी।
अपने बैठने के क्षेत्र में विभिन्न आकार और डिज़ाइनों के छोटे बड़े कुशन जोड़ने से हर स्थान बहुत आरामदायक बन जाता है। यह बैठक कमरे में बहुत रंग और कलात्मकता भी जोड़ देगा,ताकि वहां खुशनुमा जगह बने जहां आप पढ़ने या संगीत का आनंद ले सकें।
फर्श से कम स्तर पर उठा हुआ ये मंच फर्श पर बैठने को अधिक आरामदायक और सुविधाजनक बना सकता है, खासकर वृद्ध लोगों के लिए। इसके अलावा यदि इस छोटे स्तर के बैठने वाले मंच को अधिक आधुनिक और शानदार बनाना चाहते हैं, तो इसमें आकर्षक कुशन और पीठ सहारा का उपयोग करने पर विचार करें।
हमें उम्मीद है कि आपने इस विचार पुस्तक का आनंद लिया पर कुछ और घरेलू सुझावों, प्रेरणा, और रोचक विचारों के लिए, 10 शानदार भारतीय दीवान विचारों पर नज़र डालें।